किसी के मुस्कुराते चेहरे को देख,
मन में कहा “क्या बात बड़ा खुश है आज”
किसी के मुरझाये चेहरे को देख,
सोचा “लगता है कुछ गड़बड़ है आज”
मन ही मन कितना बतलाते है हम,
पर उसको जताने से कतराते हैं हम
मन में ही रह जाती है बहुत बातें,
कुछ मिट जाती है, कुछ को मिटा देते हैं हम
ज़िन्दगी के गुलज़ार में, सुहाने अफ़साने बन सकती है यह बातें,
मन से बाहर आने दें अगर हम यह बातें
एक दुसरे से सांझा करें हम
एक दुसरे क साथ हँसे रोये हम
आओ बातें करें हम ….

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