आज़ादी

आज फिर तिरंगा हवा में लहराएगादेख उसे हर दिल आज़ादी का अहसास पायेगा गुलामी की बेड़ियों से हमें आज़ाद करवा गएअनगिनत चेहरे देश के भविष्य पर मिट गए पर इस आज़ाद हवा को अभी भी कुछ जकड़ रहा हैकृत्रिम बेड़ियों का जाल हमें फांस रहा…

Continue Readingआज़ादी
  • Post category:Poems

आज़ादी

आज फिर तिरंगा हवा में लहराएगादेख उसे हर दिल आज़ादी का अहसास पायेगा गुलामी की बेड़ियों से हमें आज़ाद करवा गएअनगिनत चेहरे देश के भविष्य पर मिट गए पर इस आज़ाद हवा को अभी भी कुछ जकड़ रहा हैकृत्रिम बेड़ियों का जाल हमें फांस रहा…

Continue Readingआज़ादी
  • Post category:Poems

दोस्ती

तोतली  भाषा  में  आँगन  की  चिड़ियों  से  बतलानावह  था  जीवन  का  पहला  दोस्ताना गुड्डे  गुड़ियों  से  दिल  की  सब  बातें  करनाजीव  निर्जीव  के  अंतर  से  पार  था  वह  दोस्ताना खेल  खेल  में  एक  दुसरे  को  चिढ़ाना ,फिर  गले  लगाकर  उसको  मनानामासूमियत  से  भरा  हुआ  था…

Continue Readingदोस्ती
  • Post category:Poems

दोस्ती

तोतली  भाषा  में  आँगन  की  चिड़ियों  से  बतलानावह  था  जीवन  का  पहला  दोस्ताना गुड्डे  गुड़ियों  से  दिल  की  सब  बातें  करनाजीव  निर्जीव  के  अंतर  से  पार  था  वह  दोस्ताना खेल  खेल  में  एक  दुसरे  को  चिढ़ाना ,फिर  गले  लगाकर  उसको  मनानामासूमियत  से  भरा  हुआ  था…

Continue Readingदोस्ती
  • Post category:Poems

Let them be ….

Give him choice to soften and cryGive her chance to falter and try Give him choice to take restGive her option to drive and test Don't fix them in mouldsAllow them to unwrap as many folds Don't mix them to create equalsLook at them as…

Continue ReadingLet them be ….
  • Post category:Poems

ढलते जीवन की लाचारी

पूरा जीवन भाग दौड़ में निकालने क बाद वृद्धावस्था का थमाव वैसे ही अजीब लगता है जैसे गर्मी में बिजली चले जाने से कूलर बंद होने से हुआ सन्नाटा।  एक और जीवन भर हम सुकून के दो पल ढूंढते रहते है पर अंत तक आदत…

Continue Readingढलते जीवन की लाचारी
  • Post category:Poems

ढलते जीवन की लाचारी

पूरा जीवन भाग दौड़ में निकालने क बाद वृद्धावस्था का थमाव वैसे ही अजीब लगता है जैसे गर्मी में बिजली चले जाने से कूलर बंद होने से हुआ सन्नाटा।  एक और जीवन भर हम सुकून के दो पल ढूंढते रहते है पर अंत तक आदत…

Continue Readingढलते जीवन की लाचारी
  • Post category:Poems

Beyond I

I" surrounded the cloud of his imaginationHe painted the glamour of "I" with fascinationLaurels of win and sounds of clap"I" was applauded for conquering the mapThe moment of a small testThe panic caused by small factForced him to look beyond the "I"In the moment of…

Continue ReadingBeyond I
  • Post category:Poems

संतुलन ही आधार

हरित धरा, पावन पवनसुखद प्राणी, अविरल जलपरमात्मा ने सौंपा यह सुन्दर उपहारमानव देखे जिसको बारम्बार चला मनुष्य खोजने नए विचारहर दिन ढूंढे नए अविष्कारबनते गए नए उपकरणगति को लगने लगे थे पंख अपनी हर सफलता मेंप्रकृति को उसने कुचलासाथी न बन मालिक का चौला पहना…

Continue Readingसंतुलन ही आधार
  • Post category:Poems

संतुलन ही आधार

हरित धरा, पावन पवनसुखद प्राणी, अविरल जलपरमात्मा ने सौंपा यह सुन्दर उपहारमानव देखे जिसको बारम्बार चला मनुष्य खोजने नए विचारहर दिन ढूंढे नए अविष्कारबनते गए नए उपकरणगति को लगने लगे थे पंख अपनी हर सफलता मेंप्रकृति को उसने कुचलासाथी न बन मालिक का चौला पहना…

Continue Readingसंतुलन ही आधार
  • Post category:Poems

End of content

No more pages to load