आज फिर परचम हवा में लहराएगा
आज फिर परचम हवा में लहराएगा,एक राष्ट्र अपने गणतंत्र का उत्सव मनाएगा । इतिहास के पन्नो को पलटा जाएगा ,अनेको कर्मवीरो की गाथा को गाया जाएगा । बीते कल का नहीं कोई सानी है ,पर क्या हमको जोड़नी नहीं अपनी कोई कहानी है । वर्तमान…
You must be logged in to post a comment.