आज और कल

कल फिर आती हूँ , यह कह वो चली गईन कल आया और न वो आई कल फिर आने का कहकर जो चली गईवो आने वाला नहीं बीता हुआ कल…

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वो गुरु ही तो है जिसने धरा रूप निराला

नर तन धर हम आ गए,पर चारो ओर झमेला है।हे ! ईश्वर मन मेरा भरमाए,यह कहाँ मुझे धकेला है।। डरना नहीं है तुझको,मिलेंगे अनेक रक्षक तुझको।बस उनको तू पहचान लेना,हाथ…

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