आज फिर परचम हवा में लहराएगा,
एक राष्ट्र अपने गणतंत्र का उत्सव मनाएगा ।

इतिहास के पन्नो को पलटा जाएगा ,
अनेको कर्मवीरो की गाथा को गाया जाएगा ।

बीते कल का नहीं कोई सानी है ,
पर क्या हमको जोड़नी नहीं अपनी कोई कहानी है ।

वर्तमान पूछ रहा कुछ अहम् सवाल है

क्या ऐसा दिन कभी आएगा ,
जब पाठ्यक्रम में कर्त्तव्य अधिकार से पहले पढ़ाये जाएंगे ।
देख कर गन्दी सड़के और काला धुआं ,
हम देश को नहीं खुद को बदलना चाहेंगे ।

वर्तमान पूछ रहा कुछ अहम् सवाल है

क्या शहीदो की शहादत को हम status और tweet से आगे जी पाएंगे ।
उन् न्योछावर साँसों को ,
हम यह वादा कर पाएंगे ।
तुम खड़े हो जिन सीमाओं पर ,
उनके भीतर गौरवशाली जीवन जिया जाएगा ।
जिस देश की रक्षा तुम करते हो ,
उसकी आभा को हर हाल में सहेजा जाएगा ।

इतिहास का गौरव इतिहास में ही रह जाएगा ,
उसमें यदि कोई नई कड़ी वर्तमान न जोड़ पायेगा ।

आज फिर परचम हवा में लहराएगा ,
एक राष्ट्र अपने गणतंत्र का उत्सव मनाएगा ।

You might Like

वो गुरु ही तो है जिसने धरा रूप निराला

नर तन धर हम आ गए,पर चारो ओर झमेला है।हे ! ईश्वर मन मेरा भरमाए,यह कहाँ मुझे धकेला है।। डरना नहीं है तुझको,मिलेंगे अनेक रक्षक

Read More »

माँ का ख्याल

सोचा माँ से उनका हाल पूछ लूँकैसी है वो यह जान लूँ बातों का सिलसिला जो शुरू हुआबच्चों से लेकर रसोई तक का क़िस्सा बयान हुआ उलझनों को सुलझाने की कोशिश हुईग़ुस्से पर क़ाबू रखने की सलाह दी गई सभी का साथ निभाने के कुछ सूत्र मिलेअपना भी ख्याल रखना है यह अनुदेश मिले दरवाजे […]

Read More »

Recent Posts

हाले दिल लिख दिया करो

कहने सुनने में वो बात कहाँ ,तुम हाले दिल लिख दिया करो । जो कहा सुना, वो गुम हो जाएगा ,लिखा हुआ मुसलसल पढ़ा जाएगा

Read More »

समय का पहिया चलता है

बसंत के इस मौसम में चारों ओर रंग बिखरे हुए हैं। घर की बालकनी से बाहर देखो तो हर ओर बसंत की छाप झलकती हैं।

Read More »
No more posts to show

Leave a Reply