Power of Words

Image from internet “Oh! He was an alcoholic; he called this upon himself”, I snapped on hearing about a neighbor’s accident. It was a regular statement, made based on my information about the person in discussion. However, it caused me a lot of guilt when…

Continue ReadingPower of Words
  • Post category:Dialog

सच अनकहा – The Untold Truth

हर किसी को डर सता रहा,पकड़े जाने का ।कुछ राज़ जो छिपा रखे,उनके खुल जाने का ॥ज़माने के सामने सब सीधे हैं ,सुलझे हैं ।पर अंदर बड़ी कश्मकश है ,सभी उलझे हैं ॥ जीतने को हम,उनके मनपसंद बनते हैं ।पर अंदर बैठे सच से,कहीं डरे…

Continue Readingसच अनकहा – The Untold Truth
  • Post category:Poems

सच अनकहा – The Untold Truth

हर किसी को डर सता रहा,पकड़े जाने का ।कुछ राज़ जो छिपा रखे,उनके खुल जाने का ॥ज़माने के सामने सब सीधे हैं ,सुलझे हैं ।पर अंदर बड़ी कश्मकश है ,सभी उलझे हैं ॥ जीतने को हम,उनके मनपसंद बनते हैं ।पर अंदर बैठे सच से,कहीं डरे…

Continue Readingसच अनकहा – The Untold Truth
  • Post category:Poems

Lessons to lead better

Being a leader is seen as a challenging position. With the opportunity to lead, there is also the responsibility to connect, build and resolve. There is a story about Nelson Mandela and the lessons he learnt from his father. You may have heard, read same…

Continue ReadingLessons to lead better
  • Post category:Dialog

Let them help you

Humans are in continuous zest to learn, grow and become independent. We want to be self-sufficient from the earliest years of our lives. If we observe toddlers, they are always on the search for doing more and more things themselves. They demand to be allowed…

Continue ReadingLet them help you
  • Post category:Dialog

Tolstoy and Beggar

One day as Leo Tolstoy walked down the street, he passed a beggar. Reaching into his pocket to give the beggar money, he found that his pocket was empty. Looking at the poor man, Tolstoy said, “I'm sorry, my brother, I have nothing to give."…

Continue ReadingTolstoy and Beggar
  • Post category:Dialog

शहर में कुछ धुआं सा है

लोग नाराज़ है,कुछ कोसते भी हैक्यों शहर में धुआं सा है ।जैसे खुद को इस शहर ने ही जलाया हो,पूछते सब है कैसा यह शहर है,जहां सब धुंधला सा है ॥ शहर मेरा आज कुछ उलझा सा है,कहाँ मैं खो गया, कैसे हाल यह मेरा…

Continue Readingशहर में कुछ धुआं सा है
  • Post category:Poems

शहर में कुछ धुआं सा है

लोग नाराज़ है,कुछ कोसते भी हैक्यों शहर में धुआं सा है ।जैसे खुद को इस शहर ने ही जलाया हो,पूछते सब है कैसा यह शहर है,जहां सब धुंधला सा है ॥ शहर मेरा आज कुछ उलझा सा है,कहाँ मैं खो गया, कैसे हाल यह मेरा…

Continue Readingशहर में कुछ धुआं सा है
  • Post category:Poems

आज और कल

कल फिर आती हूँ , यह कह वो चली गईन कल आया और न वो आई कल फिर आने का कहकर जो चली गईवो आने वाला नहीं बीता हुआ कल हैभ्रम है, मिथ्या है, छल है कल के इंतज़ार में, तू इस बात से अनजान…

Continue Readingआज और कल
  • Post category:Poems

End of content

No more pages to load