जिसके आंचल के प्यार में सुख संसार समाया
जिसके संकल्प के दम से यम भी घबराया
जिसकी चंचल शौखियां रंग अनेक बिखराए
जिसकी अदाऐं हर दिल की धङकन बन जाए
जिसको अबला, बोझ, बन्धन माने ये दुनिया
वो गिर कर उठी, मुस्कुराती गई
अपने लिए नये रास्ते बनाती गई
जिसके आंचल के प्यार में सुख संसार समाया
जिसके संकल्प के दम से यम भी घबराया
जिसकी चंचल शौखियां रंग अनेक बिखराए
जिसकी अदाऐं हर दिल की धङकन बन जाए
जिसको अबला, बोझ, बन्धन माने ये दुनिया
वो गिर कर उठी, मुस्कुराती गई
अपने लिए नये रास्ते बनाती गई
Lot of colors and an empty slateGive us the freedom to create Lot of faces and smiles to reflectGive us the freedom to connect Lot
आज फिर पापा से बहस हो गई, वजह कुछ खास नहीं थीएक ओर जीवन का मझा हुआ खिलाड़ी थादूसरी ओर मेरे अंदर का नया जोश
तोतली भाषा में आँगन की चिड़ियों से बतलानावह था जीवन का पहला दोस्ताना गुड्डे गुड़ियों से दिल की सब बातें करनाजीव निर्जीव के अंतर से
कहने सुनने में वो बात कहाँ ,तुम हाले दिल लिख दिया करो । जो कहा सुना, वो गुम हो जाएगा ,लिखा हुआ मुसलसल पढ़ा जाएगा
बसंत के इस मौसम में चारों ओर रंग बिखरे हुए हैं। घर की बालकनी से बाहर देखो तो हर ओर बसंत की छाप झलकती हैं।
“I will never make it again”, she announced. Her attempt to make the dish has not turned good. Or as per her it was failure.