नारी

जिसके आंचल के प्यार में सुख संसार समाया
जिसके संकल्प के दम से यम भी घबराया

जिसकी चंचल शौखियां रंग अनेक बिखराए
जिसकी अदाऐं हर दिल की धङकन बन जाए

जिसको अबला, बोझ, बन्धन माने ये दुनिया
वो गिर कर उठी, मुस्कुराती गई
अपने लिए नये रास्ते बनाती गई

Pratiksha

Learner for life, from life

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